Sunday, April 28, 2019

थाम लेना हाथ बस,

थाम लेना हाथ बस...
जब उखड़े मन
बिखरने लगूं जब अपनी ही ख़लाओं में
थाम लेना हाथ बस...
जब कह न पाऊँ
दिल की बात आँखों ही आँखों में
थाम लेना हाथ बस...
जब रूठ जाए ये कायनात सारी
घबराए मन अनजाने अवसाद में
थाम लेना हाथ बस...
जब मैं,मैं न रहूँ
खो जाऊँ अनदेखे दिवास्वप्नों में
थाम लेना हाथ बस...
जब कहूँ मुझे ज़रूरत नहीं तुम्हारी
मैं ख़ुश हूँ अपनी ही बनाई दुनिया में
थाम लेना हाथ बस...
जब जाने लगूँ तुमसे दूर
भूल कर ख़ुद को अजनबी सी राहों में
थाम लेना हाथ बस...
थाम लेना...!

#मेरे_तुम

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