Tuesday, April 30, 2019

बेपरवाही

तुम्हारी एक हल्की सी आहट भी
झकझोर देती है मुझे
ओढ़ लूँ चाहें कितने भी नक़ाब
बेपरवाही के अपने चेहरे पर
कितना भी यकीं दिला लूँ ख़ुद को
अपने मजबूत होने का
पर...
तुम्हारा हल्के से गुज़र जाना
मेरे क़रीब से होकर
हिला देता है मेरा सारा वजूद
उतर जाते हैं सारे नक़ाब
जो पहना रखे थे ख़ुद को
सीख गई हूँ तुमसे दूर होकर भी
ख़ुश रहना
तुम्हारे न होने पर भी 
ख़ुद में मसरूफ़ रहना
सारे तौर तरीके सब लाचार हो जाते हैं तुम्हारे आगे
तुम कितना धंस चुके हो मुझमें
तुम्हारे बिना साँस लेना भी
कितना मुश्किल है
तुम ऑक्सीजन हो मेरी
तुम्हें न सोचूँ फिर भी
तुमको ही जीती हूँ हर पल
तुममें ही लेती हूँ साँसें
काँप जाती है रूह मेरी
तुम्हें खो देने के एहसास भर से
तुम्हारे न होने भर के आभास से
सुनो...
मेरे बस में नहीं है अब
तुम्हारे बिना जी पाना
एक पल के लिए भी...
एक साँस भी ले पाना...!

#मेरे_तुम

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