Thursday, May 2, 2019

अतरंगी ख़्वाब

तुमसे जुड़ी हर बात मुझे अच्छी लगती है
ये तसव्वुर में तुम्हारे
डूबी कितनी ही महकी कलियाँ,
सँवारती हैं मेरे सारे अरमान दिल के
ये हरारत और ये शोखियाँ
सहेज लेती हैं मुझे अपने आग़ोश में
तुम...तुम्हारी मौजूदगी हर बार
मुझे ले जाती है एक अनोखे संसार में,
इस जहान से अलग वो सतरंगी दुनिया
जहाँ मेरे अतरंगी ख़्वाब साँसें लेते हैं,
कोई पहरा नहीं जहाँ,कोई ठहराव नहीं
बस मुहब्बत की रवानगी है
एहसासों की दीवानगी है,
मेरे तुम...
तुम्हें शायद न दिखा पाऊं कभी
वो सतरंगी दुनिया
जहाँ...
सिर्फ़ तुम्हारा ही राज चलता है
तुम ही तुम होते हो बस
हर एहसास हर जज़्बात में दिल के
तुम्हारी छुअन, तुम्हारी रूह की तासीर
मेरी रूह को कितनी ठंडक पहुँचाती है,
मैं नहीं दिखा पाऊंगी शायद तुम्हें कभी
ये सारे अनछुए अतरंगी ख़्वाब
पर...
जानते हो...
मेरा वजूद घुलने लगा है तुममें
तुम्हारा न होकर भी हर लम्हा होना
मुझे पूरा कर देता है हर बार...!

#मेरे_तुम

Tuesday, April 30, 2019

बेपरवाही

तुम्हारी एक हल्की सी आहट भी
झकझोर देती है मुझे
ओढ़ लूँ चाहें कितने भी नक़ाब
बेपरवाही के अपने चेहरे पर
कितना भी यकीं दिला लूँ ख़ुद को
अपने मजबूत होने का
पर...
तुम्हारा हल्के से गुज़र जाना
मेरे क़रीब से होकर
हिला देता है मेरा सारा वजूद
उतर जाते हैं सारे नक़ाब
जो पहना रखे थे ख़ुद को
सीख गई हूँ तुमसे दूर होकर भी
ख़ुश रहना
तुम्हारे न होने पर भी 
ख़ुद में मसरूफ़ रहना
सारे तौर तरीके सब लाचार हो जाते हैं तुम्हारे आगे
तुम कितना धंस चुके हो मुझमें
तुम्हारे बिना साँस लेना भी
कितना मुश्किल है
तुम ऑक्सीजन हो मेरी
तुम्हें न सोचूँ फिर भी
तुमको ही जीती हूँ हर पल
तुममें ही लेती हूँ साँसें
काँप जाती है रूह मेरी
तुम्हें खो देने के एहसास भर से
तुम्हारे न होने भर के आभास से
सुनो...
मेरे बस में नहीं है अब
तुम्हारे बिना जी पाना
एक पल के लिए भी...
एक साँस भी ले पाना...!

#मेरे_तुम

Monday, April 29, 2019

तुम्हारे सो जाने के बाद,

तुम्हारे सो जाने के बाद
तकती रहती हूँ तुमको ही
देर तक...
तुम्हारा मुझे यूँ भर लेना
नींद के आग़ोश में भी
धीरे से अपनी बाहों में 
मेरे मन को राहत से भर देता है
चूम लेती हूँ चुपके से पलकें तुम्हारी
बिखर जाती है मुस्कान
तुम्हारी सोती हुई आँखों में
खिल जाता है मेरा सारा वजूद
तुम्हारी इस हल्की सी मुस्कुराहट पर
ये तुम्हारे साथ होने का असर
मेरे चेहरे पर भी दिखने लगा है आजकल
तुम ही तुम हो
मेरे दिल के हर हिस्से में 
मेरी आँखों में, मेरी मुस्कुराहट में
मेरी धड़कन में, मेरी साँसों में
तुम ही तुम हो
बस तुम हो...

#मेरे_तुम


Sunday, April 28, 2019

थाम लेना हाथ बस,

थाम लेना हाथ बस...
जब उखड़े मन
बिखरने लगूं जब अपनी ही ख़लाओं में
थाम लेना हाथ बस...
जब कह न पाऊँ
दिल की बात आँखों ही आँखों में
थाम लेना हाथ बस...
जब रूठ जाए ये कायनात सारी
घबराए मन अनजाने अवसाद में
थाम लेना हाथ बस...
जब मैं,मैं न रहूँ
खो जाऊँ अनदेखे दिवास्वप्नों में
थाम लेना हाथ बस...
जब कहूँ मुझे ज़रूरत नहीं तुम्हारी
मैं ख़ुश हूँ अपनी ही बनाई दुनिया में
थाम लेना हाथ बस...
जब जाने लगूँ तुमसे दूर
भूल कर ख़ुद को अजनबी सी राहों में
थाम लेना हाथ बस...
थाम लेना...!

#मेरे_तुम

तुम्हारा एहसास,


जब तुम आस पास होते हो
तो सुध नहीं रहती कुछ भी,
खो जाती हूँ अनजाने से जहां में
जहाँ सब कुछ स्वप्न सा प्रतीत होता है,
तुम्हारा मेरे साथ होना
मुझे सम्पूर्ण कर देता है क्षण भर में,
तुमसे नज़र नहीं मिला पाती
चाह कर भी,
पर करती रहती हूँ कोशिश
तुम्हें छुप छुप के देखने की,
तुम्हारी एक नज़र भर से
नयी हो जाती हूँ
अंतस तक खिल जाती हूँ,
जानते हो...,
ये हवा जो तुमको छू कर आई थी
तुम्हारे जाने के बाद भी
सहलाती रही मेरे बालों को धीरे-धीरे,
तुम्हारा एहसास कराती रही
कितनी ही देर तक
और मैं...
मैं महसूस करती रही तुमको
अपनी बन्द आँखों से,
अपनी रूह के घुलते हुए
धीरे-धीरे...

#मेरे_तुम

मेरे हमनफ़स,

तुमको छू लेने भर की हसरत
रख देती है मरहम दिल पर
सहला देती है कितने लम्हे
तुम्हारे इंतजार के
सदियों की भटकन को
जैसे...
राह मिल जाती है पल भर में,
तुम्हारा होना भर ही काफ़ी है
मेरे हमनफ़स,
तुम्हारे होने के एहसास भर से
मैं कई जन्मों के भटकाव से
मुक्ति पा जाती हूँ...!

#मेरे_तुम